
फिटर ट्रेड परिचय
Fitter Trade ITI का सबसे ज्यादा पॉपुलर ट्रेड है, साधारण भाषा मे आपको Fitter Trade की परिभाषा बताने की कोशिश करू तो फिटर वह व्यक्ति है जो किसी भी चीज़ को जोड़ना जानता है मतलब कई सारे पार्ट्स को मिलाकर एक प्रोडक्ट तैयार करने वाले को फिटर कहते है।
आजकल भारत मे जितनी भी कंपनियां है उन सभी कंपनियों में ज्यादातर कामगार ITI Fitter Trade से ही होते है क्योकि कोई भी कंपनी अगर कोई पार्ट्स बनाती है तो उनको फिटर ट्रेड के विद्यार्थियों की बहुत ज्यादा जरूरत पड़ती है या फिर उनके सिवा कोई और इस काम को सफाई के साथ नही कर सकता।
इस कोर्स को आप सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह के संस्थानों से कर सकते है। फिटर ट्रेड में पढ़ने के दौरान विद्यार्थियों को किताबी पढ़ाई कम और प्रैक्टिकल का ज्यादा नॉलेज दिया जाता है 2 साल की अवधि वाले इस कोर्स में आपको रोजाना 5 घंटे इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग दी जाती अपने कॉलेज के वर्कशॉप में।
फिटर ( FITTER ) का पूरा नाम –
F – Fitness
I – Intelligent
T – Talented
T – Target
E – Efficient
R – Regularity
फिटर का कार्य:
एक फिटर का मुख्य कार्य धातु से विभिन्न प्रकार के पार्ट्स तैयार करना और फिट करना होता है। कुशल श्रमिक की तरह अपना काम करने के लिए एक फिटर को हैंड टूल्स, माप लेने वाले इंस्ट्रमेंट की जरूरत होती है।
दिए जाने वाले उत्पादनो के लिए ड्रॉइंग के अनुसार जॉब की मार्किंग करना, कटिंग, फाइलिंग, स्क्रेपिंग, ड्रिलिंग, रीमिंग, वेल्डिग, सोल्डरिंग, हीट ट्रीटमेंट करनाए कार्यक्रियाओं के उदाहरण हैं जिनमें फिटर को कुशल होना चाहिए। उसे अनेक प्रकार के कार्यकारी मैटीरियल्स ;उदाहरण के लिए धातुएँद्धए उनके गुणों के और व्यवहार का भी एक ज्ञान होना चाहिए। सुरक्षा की सही आदत बनाना भी एक फिटर का एक मुख्य भाग हेता है। इस लिए जिन विद्यार्थी ने औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में फिटर ट्रेड में प्रवेश किया है और विश्वसनीय आत्मविश्वासी कुशल श्रमिक बनना चाहते हैं उनके स्वागत के लिए उद्योग प्रतिक्षा कर रहे हैं या वे फिर अपना उद्यम भी शुरु कर सकते है।
रोजगार के अवसर:
- उत्पादन मेन्युफैक्चरिंग उद्योगों में।
- निर्माण संरचना जैसे पुलोंए छतों भवन और अन्य निर्माण में।
- ऑटोमोबाइल और संबंधित उद्योगों में ।
- सर्विस उद्योगों जैसे रोड परिवहन और रेलवेज में ।
- जहाज बनाना और उनकी मरम्मत कार्यों में।
- इनफ्रास्ट्रक्चर और डिफेंस संस्थानों में।
- पब्लिक सेक्टर उद्योग जैसे BHEL, BEML, NTPC इत्यादि।
- स्वयं रोजगार स्वरोज़गार।